प्रबंधन

अरुण कुमार मिश्र (प्रधानाचार्य)

आप सभी अपने जीवन के लक्ष्य को लेकर किसी परिवार की बागडोर सम्हालने के लिए ईश्वर द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि हो। आपके निर्माण में उस परम पिता द्वारा किसी प्रकार की चूक नहीं हुयी है। माता-पिता द्वारा आपको पालने में भी कोई कोर कसर नहीं रखी गयी तभी तो इतने हष्ट-पुष्ट शरीर तथा स्वस्थ मस्तिष्क लेकर भावी रास्ता तय करने लायक कुशलता अर्जित करने इस विद्यालय में अध्ययन करने आए हो। मेरा अनुभव रहा है कि सब कुछ ठीक-ठीक होने के बावजूद कहीं कोई चीज खल रही है जिससे तुम्हारा विकास परमपिता द्वारा की गयी कल्पना के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। मेरा यह मत है कि तुम वर्तमान छोड़कर या तो भूतकाल में जीवित हो अथवा भविष्य की कल्पनाओं में हममें से अधिकांश लोगों के साथ जीवन में कई बार अनिच्छित हादसे होते हैं जो सामाजिक/आर्थिक किसी से भी सम्बन्धित हो सकते हैं। हादसा तो एक घटना थी जो हो गयी परन्तु उसे सोचकर हम उसे वर्तमान में भी जिन्दा रखते हैं तथा प्रतिदिन प्रतिक्षण कुण्ठित होते रहते हैं तथा वर्तमान को समाप्त कर डालते हैं। इसी प्रकार भविष्य में क्या होने वाला है यह हमारे आज के क्रिया कलापों पर निर्भर है। आज के क्रिया कलाप तथा हमारी सोच प्रतिदिन हमारे भाग्य का निर्माण कर रही है। जो हमें भविष्य में प्राप्त होगा ही इसमें कोई संदेह नहीं है। भविष्य कोई काल्पनिक चीज नहीं है उसका निर्माण वैज्ञानिक रूप में प्रतिक्षण हो रहा है।